SHRI DURGA DEVI
SHRI DURGA DEVI LEKH
Unity of religions
BY AKASH SINGH RAJPOOT
Unity of religions
IF ANYONE CAN"T READ THE HINDI PLEACE TRANSLATE IN YOUR LANGUAGE
आप सभी का हमारी वेबसाईट पर स्वागत है आज हम एक ऐसे विषय पर बात करेंगे जो कि् सामान्य स्थिति मे हमारे सामने रोज आता है परन्तु हम उसमे सही निर्णय नही ले पाते है व गलतियों पर गलतियां करते चले जाते है परन्तु यह गलतियां हम अज्ञानता पूर्वक करते है तो आज इसी अज्ञानता को हम दूर करने का प्रयास करेंगे
हमारे समाज में कई धर्म है जो कि् हमें सामान्य तौर पर देखने को मिलते है कोई कहता है कि् हम सनातन धर्म के है तो कोई कहता है कि् हम ईसाई धर्म के है तो कोई कहता है कि् हम बौद्व धर्म के है यहां तक तो ठीक है परन्तु कई बार देखा गया है कि् मानव अपने आस-पास के धर्मो के नियमो को न समझ पाने के कारण उनको गलत दिखाने का प्रयास करता है जिससे आपसी मदभेद पनपते है व समाज मे असिथिरता जन्म लेती है तो चलिये आज हम ज्ञान की बात करते है
धर्म
धर्म क्या है ? वास्तव मे धर्म वो है जो मानवता को मानवता के गुण बताता है अर्थात जब मानव को ईश्वर ने बनाया तो अपने दूतो को भेज कर मानव को धर्म का ज्ञान दिया ताकि् मानव, राक्षस न बन जाये
परन्तु हम मानव उन सभी धर्म के लिए आपस मे जंग करने लगे, धर्म का कार्य आपसी मतभेद कम कर मानव को विकास व भक्ति के मार्ग की ओर अग्रसर करना है विकास से तात्पर्य उन्नत टेक्नोलॉजी मात्र से नही बल्कि विकास का अर्थ है मानव के अन्दर छुपे दैविये गुणो का विकास करना
हर धर्म मानव को रहने का , व्यवहार करने का व ईश्वर के लिए कार्य करने का ज्ञान देता है व यही ज्ञान मानव को उन्नति देता है परन्तु हम मानव आपस मे धर्म के लिए जंग करते है व यही तक नही आज कल तो नवयुवक जो सामाज का भविष्य है वो भी इन जंगो का हिस्सा बन गये है यह सब जंग का मूल कारण है अज्ञानता
मानव आज ज्ञानी होकर भी यह भूल गया है कि् मानव एकता व सच्चाई के मार्ग से ही ईश्वर मिल सकता है अब आप कहेंगे कि् आप गलत कहां है आपके धर्म मे जो नियम कानून लिखे है वह दूसरे के धर्म मे नही तो आप तो केवल अपने धर्म की सत्यता व दूसरे के धर्म का मित्थया बाताते है तो आज हम आपको इसका भी ज्ञान देंगे
धर्मो मे अन्तर
हमारे आस-पास कई धर्म है व सभी के नियम कानूनो मे अन्तर है कोई कहता है दिन के शुरु होते ही ईश्ट को नमन करो तो कुछ कहते है कि् दिन मे कई बार ईश्वर को स्मरण करे
तो हम आपको बता दें कि् सब धर्म उस ईश्वर को समर्पित है तथा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से उन्ही को पूजते है उदाहरण के तौर पर हमारे स्कूल मे कई कक्षाऐं होती है व सभी कलास मे अलग चीज का ज्ञान देते है कही पर गणित की कक्षा लगती है तो कही पर अंग्रेजी की परन्तु होती तो सब प्रींसीपल के आधीन ही न, उसी प्रकार हमारी दूनियां मे भी कई धर्म है व सभी उस ईश्वर को समर्पित है समय-समय पर ईश्वर ने अतने दूत भेजे व धर्म की नीभ रखी
आपने एक गौर किया, सभी धर्मो मे मानव को अच्छे कर्म करने को कहॉ गया है, दूसरो की भलाई करने को कहा गया है, भूखो का पेट भरने को कहॉ गया है व इसे पून्य कहां गया है परन्तु मानव ने यह सब भूला कर आपसी मतभेद पैदा कर लिये है जो कि् गलत है आज हम आपके बतायेंगे कि् वास्तव मे आपको क्या करना चाहिये
मानव क्या करे
मानव को चाहिये की जिस किसी भी धर्म का वो है उसे उसका सम्मान करना चाहिये उसे रोज अराधना करनी चाहिये तत्पश्चात अराधय का नाम ले कर्म करना चाहिये व रोज कोई न कोई अच्छा काम करना चाहिये व मानव को चाहिये कि् जब कभी किसी दूसरे धर्म का मानव उसके सामने आये व बात करे तो उसे उससे अच्छे से बात करनी चाहिये व उसके धर्म का भी सम्मान करना चाहिये
उदाहरण के तौर पर - आप किसी अन्य धर्म के मानव से मिले व बात करी तो जब वह अपने धर्म का वर्णन करे तो उससे प्रेमपूर्वक व्यवहार करे व जब वह आपके धर्म के बारे मे पूछे तो उसे बाताये कि् सब धर्म उसे ईश्वर के है व अपने धर्म का वर्णन करें परन्तु इस उददेश्य से नही कि् अन्य कोई अपना धर्म त्यागे बल्कि इस उददेश्य से कि् मानव समझ सके कि् सब धर्म उस ईश्वर के है
यदी हर कोई ऐसा करेगा तो मानव धरती को स्वर्ग बना देगा कई लोग विचार करते है कि् हम अपने धर्म के प्रति कटटर रह कर व दूसरो का अपमान कर ईश्वर की नजर मे अच्छे हो जायेंगे परन्तु ऐसा है नही ईश्वर उन लोगो को पसंद नही करता जो दूसरे धर्मो का सम्मान नही करते है आप कलयुग के भ्रम मे न आये, यहां राक्षसी शक्तियां आपको जंग करने हेतु उकसाती है परन्तु जब आप सच्चे दिल से ईश्वर का मन्न करेंगे तो पायेंगे कि् यदी आप ईश्वर के भक्त है तो आप अज्ञानता का नाश करेंगे व सभी लोगो को धर्म की एकता हेतु प्रेरित करेंगे यदी आप ऐसा करेंगे तो न केवल आप ईश्वर की नजर मे अच्छे होंगे बल्कि इस धरती को एक नयी दूनियां दे पायेंगे जिसमे हर धर्म का मानव हर धर्म का सम्मान करेगा व सब मिलकर उस परम ईश्वर की किसी न किसी रुप मे अराधना करेगा
आज के ज्ञान मे इतना ही था उम्मीद है कि् इसके बाद आप धर्म का अर्थ समझ जायेंगे
धन्यवाद
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