माँ दुर्गा ज्ञान


  

 

 

 

  भगवान है या नही ?


 


 

 

आप सभी का मेरे ब्लॉग मे एक बार फिर से स्वागत है  दुर्गा ज्ञान मे आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय पर जो आज के युग मे हर किसी के मन मे चलता है कि् भगवान है या नही 
         

भगवान का अस्तित्व      
 

तो चलीये बात करते है, आज के समय मे बड़ा-छोटा, बच्चा-बूढा, हर कोई एक ही बात करता है कि् क्या भगवान का वास्तव मे कोई वजूद है आज यदी कोई बालक परिक्षा मे फेल हो जाता है और यदी उसने भगवान से पास होने की दुआ मांगी हो तब या फिर किसी ने नोकरी लगने की दुआ मानी हो और अगर उसकी नोकरी नही लगी हो तब या फिर अन्य दुआ पुरी न हो तब, तो सामांयता विचार आता है कि् पता नही भगवान है भी कि् नही
                           हाँ हर बार ऐसा नही होता है कई मानवो का विश्वास अटूट होता है लेक्नि हम इसमे उनकी बात नही कर रहे है यहाँ हम उनकी बात कर रहे है जिनका विश्वास कुछ कमजोर होता है लेक्नि हम उनको बुरा नही कह रहे बल्कि उनके साथ तो मेरा स्वयं का लगाव है जिसप्रकार एक कमजोर जीव से नफरत नही करी जाती, उसी प्रकार भगवान मे कम विश्वास रखने वाले से नफरत नही करी जाती क्यो कि् वह भी तो वैचारीक रूप से कमजोर ही होता है
       आप यह  SHRI DURGA DEVI BLOG पर पढ रहे है

  भगवान के साक्ष्य       
 

तो चलीये इस विषय पर कुछ गहंता से बात करते है हम कैसे कह सकते है कि् भगवान नही है वास्तव मे वो ही तो है जिसके कारण हम सांस ले  रहे है या फिर बात कर रहे है लेक्नि यह तो कोई भी आको बता सकता है और आप कहेंगे कि् क्या साक्ष्य है कि् भगवान है तो चलीये ये ही सही, 

 


 

 

 

      हमारे सनातन धर्म के इतिहास मे योगीयो का वर्णन है जो अपने तपो बल से कहते है पहाड़ तक हिला देते थे आज के युग मे बडे़-बडे़ वैज्ञानिक, डॉक्टर कहते है कि् योगा स्वास्थ के लिए उत्तम है और कई रोगो को मिटाता है आज कि् कारोना महामारी मे भी जहाँ हमारी टेक्नोलॉजी हार गयी वही हजारो साल पुराने योग विज्ञान ने कई रोगीयो को ठीक कर दिया तो ये ताकत योग मे आयी कैसे ? योग विज्ञान मे बताया है कि् योग मे आत्मा, परमात्मा से जुड़ जाती है व भगवान हमे ताकत देता है जिसतरह हमारे मोबाइल मे नेट ऑन करने पर मोबाइल इंटरनेट से जुड़ जाता है व उस समय हम गूगल से कोई भी जानकारी पा  सकते है ऑनलाइन धर बैठे कई काम कर सकते है व बैठे-बैठे ही पूरी दुनिया मे कई काम कर सकते है उसी तरह योग मे मानव भगवान से जुड़ जाता है  व फिर  घीरे-धीरे नीती, ज्ञान उसमे खुद ही आ जाता है व वह बलवान भी हो जाता है यह था एक साक्ष्य

 आप यह  SHRI DURGA DEVI BLOG पर पढ रहे है

 


 

 
      परन्तु इसमे भी कई लोग असंतुष्ट होंगे तो चलीये उनको भी कुछ
साक्ष्य दे देते है, आप ने कभी हनुमान चालीसा पढी है उसका यदी हम अर्थ समझे तो उसमे धरती व सूरज के बीच की दुरी बतायी गयी है और इसका निर्माण उस समय हुआ था  जब मानव सभ्यता इतनी उत्तम नही थी मुझे लगता है कि् यह साक्ष्य काफी है

 


 

 
        लेक्नि कई लोग अब भी असंतुष्ट होंगे वो हमसे कहेंगे कि् हमे जीता जागता सबूत चाहिये तो उसके लिए भी एक
साक्ष्य है, जो जी भी रहा है और रोज आता भी है यह साक्ष्य एक ऐसा साक्ष्य है जो मानव सभ्यता को अचम्भे मे डाल देता है कि् क्या ऐसा भी है ? वो साक्ष्य है मेहर की माँ शारदा के यहॉ, जहॉ कहते है आल्हा कई सौ सालो से पूजा करने आता है जिनको माता ने अमर होने का वरदान दिया है मन्दिर के रखवालो का कहना है कि् हमे कोई दिखता नही लेक्नि कोई रोज एक फूल चढा जाता है वह रोज मन्दिर मे आ माँ की पूजा करते है वह वो ही है जिसने रन भूमि मे हाहाकार मचा दिया था व पृथवीराज चौहान को पराजित कर क्षमा दान दिया था मुझे लगता है इतने साक्ष्य काफी होंगे ऐसे तो मै आपको कई साक्ष्य दे सकता हुॅ कि् हमारे  ग्रन्थो मे उड़न खटोले का वर्णन आदि।
                      लेक्नि यह हम पर निर्भर की हम विश्वास  करते है कि् नही
 

हमारे जीवन मे इतने दुख क्यो ?


यह बात तो थी विश्वास की
, यदी अगर आप मान गये तो अब आपके मन मे सवाल आयेगा कि् हमारी दुआ क्यो नही मानी और भगवान है तो हम दुखी क्यो है वो हमारे सारे दुख हर क्यो नही लेते तो इसका भी उत्तर है हमारे ब्लॉग पर , यह कर्म भूमि है यहाँ मानव को ही नही बल्कि भगवान जब अवतार लेते है तो उन्हे भी मुसीबतो का सामना करना होता है इसीलिए कर्म करीये व अपने दुख दुर कर लिजिये परन्तु कुछ दुख ऐसे होते है जो ना चाहते हुए भी हमे भोगने पड़ते है वह दुखो के कई कारण होते है पूर्व जन्म के बुरे कर्म , कोई बदवा, या अन्य कुछ।

  

मानव क्या करे ?

अब मानव को क्या करना चाहिये हर कोई कहता है कर्म करो बड़े हो जाओ लेक्नि मै ऐसा नही कहुगां, क्योकि् कई ऐसे होते है जिनके पास बल ही नही होता है व कभी-कभी बल होते हुए भी सदबुद्वि नही होती,  वो कया करे ? उनके लिए भी हमारे पास मार्ग है 

 


 

 आप यह  SHRI DURGA DEVI BLOG पर पढ रहे है
           सबसे पहले उसे शान्त दिमाग से एक स्थान पर बैठना चाहिए हो सके तो धर फिर उसे देखना चाहिए कि् उसके धर के ईष्ट कौन है मतलब कि् वह हिन्दु है
, मुस्लमान है, ईसाई है या अन्य किसी धर्म का अब आप कहेगे कि् दुगा नाम का ब्लॉग और अन्य  धर्म की बाते तो मै बता दु कि् यह माँ दुर्गा का ब्लॉग जरूर है लेक्नि यह सभी धर्मो के लिए है कयोकि् मेरी ईष्ट देवीयो का दिया ज्ञान है कि् सभी धर्म एक है व सबका सम्मान अनिवार्य है तो चलीये वापस आते है तो आप जब अपने ईष्ट का पता लगा ले तो आप देखे कि् सबसे ज्यादा आपका किसकी पूजा मे दिल लगता है जब आपको पता चल जाये तो बस आप आधे सफल हो गये, अब आप रोज उनकी पूजा करे अगर मुस्लिम है तो रोज नमाज आदि पढे व साफ दिल से अराधना करे, याद रहे इसके लिए जरूरी नही कि् आप कोई बड़ी पूजा या महंगा प्रसाद चढाये इसकी जरूरत नही, आप रोज पूजन करे व भले ही आप कुछ न मांगे और हां इसके साथ-साथ रोज योगा भी करे व जब भी आप अकेला या ऐसा महसूस करे कि् मदद चाहिए तो उस अराधय का नाम ले यदि आप सनातन धर्म मे किसी देवी की पूजा कर रहे है तो आप शिव की अराधना जरूर करे क्योकि् शक्ति व शिव एक है तत्पश्चात आप कर्म करे
                  एक महिने बाद आपको खुद ही देखेंगे कि् आप मे बल
, ज्ञान की बढोतरी हुई है , मैने आपको पूजन करने के लिए इसलिए कहॉ क्योकि् यह आवश्यक है क्योकि् अगर आप किसी को भी उदाहरण ले वह पूजन करता था चाहे वह अपराजय आल्हा हो या हनुमान जी इनका एक अराधय था व वही उन्हे बल देता था इसीलिए हमे भी अराधना करनी चाहिए लेक्नि शक्ति की लालच मे नही बल्कि अराधय के लिए भक्ति से, तो आज के ज्ञान यही पूरा होता है कृपया करके बताये कि् आपको इससे फायदा हुआ कि् नही ।
                                  
                              धन्यवाद