आप सभी का फिर से एक बार मेरे ब्लाॅग मे स्वागत है आज हम दुर्गा ज्ञान मे बात करेंगे उन विचारो की जो हमारी ईच्छा के विरुध हमारे दिमाग मे लगातार आते है व हमें मानसिक व अन्य प्रकार के रोगो से ग्रसित कर देते है हमे उम्मीद है इससे आपको सहायता मिलेगी व आगे चलकर आप अपने दिमाग पर काबू कर पायेंगे
दिमाग मे आने वाले अनुचित विचार क्या है ?
आज कल की व्यस्त दिनचर्या मे मानव इतना व्यस्त हो गया है की उसे कई परेशानियो ने धेर लिया है इन्ही मे से एक है अनुचित विचारो का लगातार मन मे आना है,
इसके अन्तर्गत दिमाग मे लगातार उल्टे-सीधे विचार आते है व चाह कर भी हम इन पर काबू नही कर पाते इससे हमें काम मे मन न लगना, लक्ष्य प्राप्ती हेतु उचित कार्य न कर पाना, क्रोध , लोभ, रिशतो मे दुरी आदि जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है आज चाहे अमेरिका का नागरिक हो या रुस का, भारत का हो या ब्राजील का हर कोई इससे जूझ रहा है
इसके अन्तर्गत दिमाग मे लगातार उल्टे-सीधे विचार आते है व चाह कर भी हम इन पर काबू नही कर पाते इससे हमें काम मे मन न लगना, लक्ष्य प्राप्ती हेतु उचित कार्य न कर पाना, क्रोध , लोभ, रिशतो मे दुरी आदि जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है आज चाहे अमेरिका का नागरिक हो या रुस का, भारत का हो या ब्राजील का हर कोई इससे जूझ रहा है
इससे मुक्ति के लिए कई लोग दिमागी डाॅक्टरो का साहारा लेते है जो एक हद तक सही भी है परन्तु हर कोई इतना अमीर नही होता की वह डाॅक्टर की मदद ले पाये तो वो क्या करे ? और वैसे भी दवाईया हमारे दिमाग पर क्या असर डाले व कही हम इसके लती न हो जाये यह भी विचार मन मे आता है वैसे यदी डाॅक्टर से मदद ली जाये तो ऐसा कुछ ज्यादा तर नही होता लेक्नि डाॅक्टर भी पूर्ण रुप से ठीक करने कुछ समय लेता है वैसे तो यह इतनी खतरनाक समस्या है भी नही की डाॅक्टर की मदद ली जाये जब तक की यह विशाल रुप न ले अब प्रश्न बनता है की कया डाॅक्टरी मदद ही इसका एकमात्र ईलाज है तो उत्तर है नही,
हमारे सनातन धर्म ज्ञान मे इसके बारे मे भी बताया गया है व इसका ईलाज भी है वो भी ऐसा ईलाज जिसमे कोई धन खर्च नही करना पड़ेगा व यदी कोई यह तरीका अपनाता है तो वह न केवल ठीक होगा बल्कि दूसरो से ज्यादा दिमाग वाला भी हो जायेगा लेक्नि ईलाज जान लेने से पहले इसके कारण को जानना जरुरी है तो चलिए इसके कारण जानते है
दिमाग मे अनुचित विचारो के कारण
आज की व्यस्त दिनचर्या मे मानव के साने व उठने का कोई निश्चित समय नही है और यदी है भी तो गलत है आज दस बजे सो कर उठ रहे है व रात दो बजे सौ रहे है इससे हमारा शरीर कमजोर हो गया है व दिमाग भी कमजोर हो गया है इस कमजोर दिमाग मे हमने काम, क्रोध, लोभ, मोह , से उत्पन्न ईच्छाओ के कारण लगातार गहन अध्ययन किया व मन ही मन विचार किये इससे हमारे दिमाग की नसे कमजोर हो गयी व फिर न चाहते हुए भी मन मे विचार आने लगे, यह तो एक कारण है इसके कई कारण हो सकते है उचित खाना न मिलना या और भी कारण। यहाँ मैने सूक्ष्म रुप से वर्णन कर दिया है की ऐसे विचारो का क्या कारण है अब प्रश्न यह उठता है माना हमारे मन मे विचारो का अनुचित प्रवाह आता है कारण चाहेे जो भी हो हम मासिक रोगी हो या कम दिमाग के हो इससे हमें क्या हानि हो सकती है तो देास्तो हम आपको अवश्य बतायेंगे
लगातार आने वाले विचारो से हानि क्या है
लगातार आने वाले विचारो से हानि क्या है
इससे हमे कई प्रकार की हानि हो सकती है जैसे -
- काम मे मन न लगना
-लक्ष्य प्राप्ति हेतु कर्म न कर पाना
- असहजता
- बोरियत लगना
- दिमाग मे दर्द होना
- मानसिक बिमारी होना
- क्रोध आना
- लालची हो जाना
- रिश्तो को निभा न पाना
- लक्ष्य निर्धारण न कर पाना
- सुन्दर स्वपनो मे खो जाना व वास्तविक्ता मे आने पर दुखी होना
आदि
यह सब वह हानि है जो हो सकती है अब प्रश्न उठता है किया क्या जाये तो देास्तो हमारे ब्लाॅग मे आपको इसका उत्तर भी मिलेगा
- काम मे मन न लगना
-लक्ष्य प्राप्ति हेतु कर्म न कर पाना
- असहजता
- बोरियत लगना
- दिमाग मे दर्द होना
- मानसिक बिमारी होना
- क्रोध आना
- लालची हो जाना
- रिश्तो को निभा न पाना
- लक्ष्य निर्धारण न कर पाना
- सुन्दर स्वपनो मे खो जाना व वास्तविक्ता मे आने पर दुखी होना
आदि
यह सब वह हानि है जो हो सकती है अब प्रश्न उठता है किया क्या जाये तो देास्तो हमारे ब्लाॅग मे आपको इसका उत्तर भी मिलेगा
दिमाग मे आने वाले अनैच्छिक विचारो को कैसे रोकने के उपाय
मै आपको कोई मोटिवेशन लाईन नही कहुगां , और न ही कोई विडियो दिखाउगां की कैसे हीरो अपनी परेशानियो से लड़ा व वह जीवन मे सफल हो गया बल्कि मै सही ज्ञान दुगां है
जो भी इस से पीड़ित है यदी वह एक महिने इस मार्ग पर चला तो वह न केवल ठीक होगा बल्कि वह तेज दिमाग का भी होगा
जो भी इस से पीड़ित है यदी वह एक महिने इस मार्ग पर चला तो वह न केवल ठीक होगा बल्कि वह तेज दिमाग का भी होगा
सर्वप्रथम ऐसे मानव को सुबह उठना होगा यदी वह सूरज निकले से पहले उठा तो बहुत ही अच्छा होगा फिर उसे बिस्तर मे ही धीमी आवाज मे किसी देवी-देवता या अपने अराधय का कोई गाना धीमी आवाज मे सूने फिर वह उठ कर योग करे व साथ ही ध्यान रखे कि वह प्राणायाम के समय किस हस्तमुद्रा मे बैठा है यदी शरीर कमजोर है तो शक्ति मुद्रा मे बैठे, यौन सम्बिन्धि कोई कमजोरी या रोग है या ब्रहमचर्य या काम ईच्छा पर काबू करना है तो लिंग मुद्रा मे बैठे ऐसे ही वह अपनी स्थिती जान सर्च कर ले उसके लिए कौन सी मुद्रा अच्छी होगी व फिर वह योग करे
योग मे वह बाबा रामदेव, जो भारत मे योग गुरु है उनकी यू टयूब पर विडियो देखे इससे आप येाग करना सीख जायेगें, एक बात याद रखियेगा मे आपको बाबा रामदेव से ज्ञान लेने के लिए अवश्य कह रहा हुॅ लेक्नि केवल ज्ञान लिजियेगा व गुरु की भाति सम्मान करीयेगा उनको भगवान न मानीयेगा आप चाहे तो उनकी साप्ताहिक योग चर्या की विडियो देख सकते है उसमे सप्ताह के हर दिन का योग है
अब जब आपने योग कर लिया ततपश्चात कुछ हल्के फल आदि खा के आप अपने अराघय देवी-देवता या ईश्वर की पूजा करे , तत्पश्चात अपनी दिनचर्या शुरु करे निश्चय ही आपको आराम मिलेगा यह आप अवश्य कर के देखे व स्मरण रहे शुरुआत मे आपको क्रेाध या अजीब सा लगेगा परन्तु आप लगे रहे व शुरुआत मे आप थोड़ा योग करे कुछ ही देर पूजा करे लेक्नि करे जरुर , धीरे-धीरे समय बढाये
आप यह सब निश्छल भाव से करे व यह सब तभी मुमक्नि हो पायेगा जब आप यह सब अपने अराधय का स्मरण कर के करे
तो दोस्तो आज के लिए इतना ही ज्ञान था मुझे विश्वास है आपको जरुर फायदा होगा
तो दोस्तो आज के लिए इतना ही ज्ञान था मुझे विश्वास है आपको जरुर फायदा होगा
धन्यवाद
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