SHRI DURGA DEVI STORIES 

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 THE RUIN BUILDING OF A TOWN






AUTHOR -  AKASH SINGH RAJPOOT

 

 

 

           THE RUIN BUILDING OF A TOWN

 

 


 



विगसेसि टाउन धुमने के लिए एक अच्छी जगह थी वहां सबकुछ था अच्छे लोग, अच्छे रोजगार व अच्छा माहौल वहां अकसर लोग धुमने आते थे वह टाउन मे कई बड़ी बिल्डिंगे थी व वहां अच्छी प्राकृतिक जगहे भी थी जो सभी को पसंद भी थी, यह कहानी उसी टाउन की एक लड़की की है इस कहानी से आपको न केवल जानने के लिए एक नया जीवन का रुप मिलेगा बल्कि आप मे जीवन को समझने का भी एक नया मार्ग मिलेगा,

     वेलगिस सटारिंग एक अच्छी लड़की थी उसके पास सब कुछ था अच्छा धर अच्छा परिवार सब कुछ लेक्नि कभी - कभी मानव के जीवन मे एक ऐसा पल आता है जब वह वो नही पा पाता है जो वह पाना चाहता है व तब उसके लिए जीवन मे कुछ भी नही बचता उसे एकसा अनुभव होता है व तब वह मानव आत्महत्या करने का विचार करता है तो आठये अपनी कहानी शुरु करते है -







   वेलगिस सटारिंग हाई स्कूल की एक छात्रा थी उसे एक लड़के से प्यार था रजिसका नाम वोलवेन ऑकवर था वह उससे इतना प्यार करती थी की मानो और किसी से न करती हो लेक्नि एक दिन वह उस लड़के को अपनी सहेली मोनली के साथ गले मिलते देखती है 

 

 


 

वह हैरान हो जाती है व उससे जा कर पूछती है कि् यह सब क्या है तो वह लड़का उसे धुतकार देता है -


वेलगिस सटारिंग - वोलवेन यह तुम क्या कर रहे हो तुम इससे ऐसे गले कैसे मिल सकते हो मै तुमसे प्यार  करती हुं और तुम भी मझे चाहते थे तो तुम ऐसा कैसे कर सकते हो


 वोलवेन ऑकवर - हां करता था मेरी जान लेक्नि अब मुझे यह पसंद अ गयी है और तुम भी इनजॉय करो जाओ जाकर किसी और से प्यार बना लो अरे जीवन है कभ्ज्ञी यह पसंद तो कभी वह पसंद तुम भी खुश रहो



वेलगिस सटारिंग - यह तुम क्या कह रहे हो तुम तो मेरे थे यह कैसे हो सकता है

वोलवेन ऑकवर - तुमसे कह दिया न एक बार समझ मे नही आता है अब जाओ यहां से नही तो मार डालुंगा, पता नही कहां - कहां से चली आती हैं

इतना सुन वेलगिस वापस धर जाने लगती है उसे कुछ भी समझ नही आ रहा होता है फिर न जाने उसके दिमाग मे क्या आता है वह शहर के उस स्थान पर जाने लगती है जहां जाने से सब लोग डरते थे 

वह स्थान था -

        THE RUIN BUILDING OF A TOWN

  

 


 

 

 

 

उस स्थान से लोग इस लिए डरते थे क्योकि् उसे सुसाइड पॉइंट भी समझा जाता था लोग वहां भूत-प्रतो का साया समझते थे इसीलिए सब डरते थे वेलगिस जा उस बिल्डिंग मे जाती है वह विशाल व उची थी लेक्नि वहां कोई नही था वहां हर तरफ टूटा व पूराना सामान था वेलगिस को वहां अत्यन्त पुराना सामान दिखता है जिसमे उसे कई तस्वीरे भी मिलती है उन तस्वीरो मे एक लड़का दिखता है जिसकी उम्र शायद 18 या 19 थी वह कोर्ट सूट पहने था व वह तस्वीरो मे हस रहा था वेलगिस आगे चल देती है वहां उसे कई बेड व सामान आदि दिखते है वहां उसे एक बन्द धड़ी दिखती है वह सारा सामान अत्यन्त आलीशान था परन्तु वह धुल आदि से पुराना लग रहा था वेलगिस उस स्थान की सबसे उचे फलोर पर आ जाती है व स्वयं से ही बात करने लगती है -


वेलगिस सटारिंग - मैने जीवन भर पवित्र रह कर बिताया व मुझे बचपन से ही एक साफ जीवन चाहिये था और मैने इसके किये मुझे एक  लड़के से प्यार हो गया मैने सोचा था कि् जीवन भर उसी के साथ रहुंगी व पवित्रता से जीवन को बिताउंगी लेक्नि मुझे मिला क्या उस  लड़के ने मुझे कहां कि् जीवन को इनजॉय करो व किसी के भी साथ प्यार कर लो जैसे प्यार न हो गया हो मजाक हो अब मैने भी निर्णय ले लिया है कि् मुझे जीवन नही जीना मुझे मरना है


इतना कह वेलगिस गेलरी से कुदने लगती है वह पैर बढाती है व कूदने ही वाली होती है कि् तभी उसे एक आवाज आती है

 

       रुक जाओ, ऐसा मत करो

वेलगिस एकाएैक रुक जाती है तभी उसके पीछे आने से कुछ टुटे कांच गैलिरी से नीचे गिर जाते है वेलगिस पीछे मुड़ देखती है तो पाती है कि् एक लड़का जिसने ब्लैक कोर्ट व सूट पहना था सामने आता है वह इतना सुन्दर था मानो कि् उससे आंखे न हटे, वेलगिस पीछे हो देखती है व उससे प्रश्न करती है -


वेलगिस - कौन है आप ?
 

लड़का - मैने सोचा आपको मै याद हुंगा


वेलगिस -
तुम तो वही हो न तस्वीर वाले

लड़का  - हां बिल्कुल सही कहां

वेलगिस  - पीछे हट जाओ मुझे रोको मत तुम क्या जानते हो मैरे बारे में ?

लड़का  - मै सब जानता हुं

इतना कह वो वेलगिसा का सम्पूर्ण परिचय उसे दे देता है

वेलगिस - आप मेरे बारे में कैसे जानते हो ?

लड़का - मै सब जानता हुं

वेलगिस - लेक्नि कैसे ?

लड़का - क्या फर्क पड़ता है ? तुम यह बाताओ सुसाइड क्यो करना चाहती हो ?

वेलगिस -
जब सब जानते हो तो यह भी जानते होगे

लड़का - हां मै जानता हुं तुम्हारी कोई गलती नही है बस मार्ग गलता है, तुम जो पाना चाहती हो वह तुम्हे सरलता से मिल सकता है लेक्नि तुमने उसे पाने के लिए गलत मानव पर विश्वास किया तुम चाहती थी कि् ऐसा कोई लड़का मिले जो केवल तुमसे प्यार करता हो व जिससे तुम प्यार करो और अपना सम्पूर्ण जीवन पवित्रता से बिताना चाहती थी अर्थात किसी और के साथ कोई शारिरिक सम्बंध न रखकर परन्तु उस लड़के ने तुम्हे धोखा दे दिया व तुम्हे लगा कि् कही अब मै अपवित्र न हो जाउ व आपने सुसाइड का विचार मन मे स्वीकार कर लिया


वेलगिस - आप है कौन ?

लड़का - बहुत साल पहले मै भी यही रहता था अच्छा परिवार था मैरा लेक्नि तभी मुझे भी प्यार मे धोखा मिल गया फिर मैने यही से कूद कर अपनी जान दे दी मैने सोचा था कि् मेरी मौत के बाद सब ठीक हो जायेगा व मुझे मुक्ति मिल जायेगी व एक नया शरीर मिलेगा व फिर से मै नयी शुरुआत करुंगा परन्तु ऐसा हुआ नही, व तब मुझे पता चला कि् मैने कितनी बड़ी गलती करी है मै धरती व र्स्वग के बीच मे आज तक घुम रहा हुं

    न मुझे मुक्ति मिल रही है न मै जी पा रहा हुं मैरा परिवार यहां से चला गया व यह बिल्डिंग जो कभी धर हुआ करता था सुनसान हो गया है आज मेरे पास कुछ भी नही है दोस्त
 

   वेलगिस डर जाती है

लड़का - मुझसे डरो मत मै आपको कुछ नही करुंगा, मैरा नाम औक्लेन सोसरेक है कभी मे इस शहर का अमीर था परन्तु अब नही हुं

वेलगिस  - अब तो मैरे पास कोई भी मार्ग नही है अब मै क्या करु ? मुझे बाचाओ मदद करो मेरी, मुझे रास्ता दिखाओ

औक्लेन - चिन्ता मत वेलगिस मै हुं न, मै तुम्हे ऐसा मार्ग दिखाउंगा जो तुम्हे वो सब देगा जो हर किसी का सपना होता है

वेलगिस आ उसके पैरो मे गिर जाती है

औक्लेन - अरे नीचे मत हो नीचे कांच फैला है तुम्हे लग जायेगा
औक्लेन उसे उपर उठाता है

औक्लेन - अब बाताओ तुम्हे क्या चाहिये ?

वेलगिस - मुझे मार्गदर्शन चाहिये कि् मुझे जीवन मे क्या करना है कैसे करना है व मै पवित्र जीवन कैसे जी सकती हुं

औक्लेन - बस इतनी सी बात, जिस चीज की तुमने मांग करी है वह अनमोल तो है लेक्नि सही मार्ग पता हो तो आसानी से मिल सकती है मै तुम्हे बाताता हुं मार्ग,
   सर्वप्रथम तुम्हे एक अराधय चाहिये जो तुम्हारा मार्ग दर्शन कर सके व तुम्हे पवित्रता दे सके उस एक अराधय को मान कर व उनका नाम जप कर तुम्हे सब कुद मिल जायेगा व नीति,ज्ञान सब तुम्हारे अन्दर से खुद ही आने लगेगा

वेलगिस - तो क्या मै आपको पूजु ?


औक्लेन -
नही मेरी दोस्त मै तु भूत योनि मे हुं मै कैसे पूजन योग्य हुं

वेलगिस - तो मै क्या करु?
 

औक्लेन - जानती हो हमें यह जीवन कई जानवर, राक्षसो आदि के रुप मे जन्म लेने के बाद प्राप्त हुआ है यह मानव जीवन अनमोल है व यदी आप या कोई भी इस जीवन मे रह कर बुराईयो व गलत मार्गो से बचाना चाहती हो तो किसी अराधय की शरण मे जाओ जो तुम्हे मार्ग दिखा सके

              वो अराधय है सनातन धर्म मे पूजय देवी व इस ब्रहामाण्उ की निर्माता श्री दुर्गा देवी, तुम सुबह उठ उनकी पूजा करो, अपने धर मे पूर्व दिशा मे माता दुर्गा, भगवान शिव व गणेश भगवान की मेर्ति ला रखो व रोज दीया जला सुब व शाम को उनकी पूजा करो व जब भी स्वंय को अकेला समझो तो उनका नाम जपो, व आप पाओगी कि् माता आपके साथ है आप सबसे पहले गणेश की आगे सर झुकाये फिर माता दुर्गा का चालिसा, कवच व आरती का पाठ करे इसमे जो कवच का वर्णन है वह एक अद्रिशय कवच होता है जो भूत-प्रेता आदि से आपकी रक्षा करेगा व आपको बल देगा

 

 GODDESS DURGA

 


LORD GANESHA


 LORD MAHADEV

 


 

 

    इससे आपको माता दुर्गा जैसा मार्गदर्शक मिलेगा व रक्षक भी, माता आपको पवित्र जीवन देंगी जिसमे प्यार करने पति होगा अच्छा परिवार होगा सम्पन्न जीवन होगा व कही कोई भी बुराई पनही होगी व आप मे इतना बल होगा कि् आप डट कर मुसीबतो का सामना कर पोयंगी

वेलगिस - क्या इतना कर मै वो सब पा सकुंगी

औक्लेन - हां, बस उन्हे कभी पराया मत समझना व मात्र यह कर व उनके नाम का जाप करने के बाद तुम्हे और कोई भी मोटिवेशन, नीति आदि की आवश्यक्ता नही होगी क्योकि् फिर आप स्वंय ही इतनी ज्ञानी हो जोयेंगी कि् आपको कोई भी अन्य चीज करने की आवश्यक्ता नही होगी


तभी वेलगिस अपनी जेब से एक सिगरेट का पैके
निकालता है व सिगरेट जला कर पीने लगता है


औक्लेन -
बहुत खराब आदत होती है मरने के बाद भी नही जाती है

वेलगिस -
आपको यह ज्ञान की बाते कैसे पता चली ?

औक्लेन - मरने के बाद आतमा को सब ज्ञान हो जाता है माता दुर्गा माता है वह हम सबकी है मुझे यह सिगरेट व कुछ भोग की वस्तुए सेवन कर पाने का बल उन्ही की दया से मिला है क्योकि् मै यहां आये हर किसी का मार्गदर्शन करता हुं तो उन्होने प्रसनन हो मुझे वर दिया है कि् जब तक मेरी मुकि् नही हो जाती है तब तक मै इस लोक की खाद्य वस्तुओ का सेवन कर पाउंगा ताकि् मै भटकु न, अब तुम जाओ धर वाले इंतजार कर रहे होंगे


वेलगिस जाने लगती है वह पीछे देखती है तो औक्लेन खडे़ हो सिगरेअ पी रहा होता है वह काले कोर्ट सूट मे था वह अत्यन्त आकर्षक लग रहा था वेलगिस रुक उससे प्रश्न करती है -

वेलगिस - क्या मै रोज तुमसे मिलने आउ ?

औक्लेन - नही मेरी दोस्त रहने दो, नही तो यह दुनिया इस जगह को बदनाम कर देगी कि् यहां जो भूत है वो सम्मोहित कर लेता है तुम जाओ दोस्त बस ,खुश रहना

वेलगिस वापस धर आ जाती है वह धर आती है तो सभी उसके धर मे बैइ चिन्ता से उसकी राह देख रहे होते है

उसके फादर की आंखो मे आंसु थे व मदर के चेहरे पर चिन्ता, जैसे ही वह वेलगिस को देखते है उनके चेहरे पर सुकुन आ जाता है वेलगिस धर मे जाती है तो सभी उसको गले लगा लेते है -

फादर (एलाजेक) - कहां थी बेटी हम कितना डर गये थे तुम्हारे दोस्तो ने अभ्ज्ञी फोन कर के बाताया कि् उन्होने तुम्हे उस सुसाइड पॉइनट पर जाते हुए देखा था सुबह से शाम हो गई तुम कहां थी

वेलगिस - मै कुछ गलत नही करुंगी मुण्े जीवन का मौल पता चल गया है

एलाजेक - बेटी क्या तुम्हे किसी ने दुख दिया

वेलगिस - नही फादर, मुण्े तो बल्कि ऐ दोस्त मिला आज जिसने मुझे जीवन का मोल बाताया

एलाजेक - बेटी फिर कभी हमसे दूर मत जाना

वेलगिस - नही फादर मै नही जाउंगी

वेलगिस को उस दिन जीवन का मोल पता चल गया तब से उसने देवी आदिशक्ति दुर्गा की पूजा आरम्भ कर दि है व उनकी पूजा करने के बाद न उसे सम्पन्न जीवन मिला बल्कि उसे माता दुर्गा का अप्रत्यक्ष साथ भी मिला वह उनके साथ को महसूस कर सकती थी व उसे माता का दिव्य तेज भी मिला


हम लोगो के मन मे कभी न कभी सुसाइठ करने का भाव मन मे आ जाता है परन्तु आप कभ्ज्ञी इस मार्ग पर न जाये क्योकि् इससे मुसिबते खत्म नही होती बल्कि बढ जाती है व हमारा सब कुछ छीन जाता है यदी आप भी जीवन मे टूट चुके है आपके पास कुछ नही बचा व आप शून्य हो गये है तो आप माता दुर्गा को अपना अराधय मान ले इससे कोई फर्क नही पड़ता कि् आप किस धर्म के है आप अपने धर्म को भी माने व साथ-साथ यदी आप चाहे तो माता दुर्गा को भी पूजे माता आपके सारे दुखो को हर लेंगी व आपको इतना बल, तेज देंगी की आप जीवन के युद्व मे डट कर जीयेंगे


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