SHRI DURGA DEVI LEKH
BY - AKASH SINGH RAJPOOT
PEN NAME - SHRI DURGA DEVI
पथ
दूनिया भी कितनी अजीब है न ? यह सदैव बदलती रहती है आज कलयुग है इससे पहले भी कई युग रह चुके है सतयुग, द्रौपरयुग, त्रैतायुग व अब कल युग,
कितने ही युग बीत चुके है व कितनी ही दूनियां बसी है लेक्नि इन सबके बीच हम मानव सदैव झुलते रहे है, हम मानव जन्म लेते है व जीते चले जाते है कोई यह नही जानता कि् हम वास्तव में है कौन ?, हम जिस दूनियां में रहते है वह बहुत बुरी है यह दूनियां इस लिए बुरी नही है कि् इस दूनियां मे कोई कमी है बल्कि बुरी इसलिए है क्योकि् मानव बुरा है आज मानव इतना बुरा है कि् वह हर समय छल कपट की ओर झुका रहता है व सदैव अपने हित के कार्य करता है लेक्नि मानव जाति मे हर कोई ऐसा नही है मानव जाति मे कुछ ऐसे मानव है जो अत्यन्त अच्छे है वह आज भी स्वयं के हित से पहले यह सोचते है कि् हम दूसरे किसी का अहित तो नही कर रहे
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हमारे समाज में कई प्रकार के मानव हैं अच्छे - बुरे, परन्तु आज के समय में जो भी मानव जन्म लेता है उसे इस संसार रुपी पथ पर आगे बढना होता है परन्तु आज का मानव न यह जानता है कि् आज जिस संसार को देख रहे है वास्तव में वह एक पथ है जिसपर हमें निरन्तर आगे बढना हैं, न आज का मानव अपना लक्ष्य जानता है व न इस संसार में चलना जानता है तो अब प्रश्न यह बनता है कि् जब वह कुछ जानता ही नही तो अपना जीवन कैसे जियेगा ?
पथ - आज हम जिस संसार को देख रहे है वह संसार एक प्रकार का रास्ता है जिससे हमारी आत्मा को होकर गुजरना है व आत्मा को न केवल इस पथ में आगे बढना है बल्कि रास्ते में आने वाली परेशानियो से लड़ सफल होना है
हमारी दूनियां वो रास्ता है जिसपर आत्मा जीव के रुप मे जन्म लेती है व जन्म लेते ही जीव की आयु बढती जाती है, जब जीव की आयु बढती है तो बढती आयु के साथ उसके सामने कई परिक्षाये आती है कभी शिक्षा प्राप्ती, कभी रोजगार प्राप्ती , कभी विवाह, कभी परिवार नियोजन, कभी बच्चो की जिम्मेदारीयां,
मैने इनको परिक्षा इसलिये कहां क्योकि् इन सभी कार्यो को करने के लिये मानव को उचित निर्णय लेना होता है क्यो कि् उसका लिया एक गलत निर्णय न केवल उसके जीवन मे बदलाव लायेगा बल्बि इस सामाज व उसके आस-पास के लोगो के जीवन पर भी प्रभाव डालेगा अब आप समझ गये होगें कि् मैने मानव जीवन के इन पलो को परिक्षा क्यो कहां
मानव को इन परिक्षाओ को देने के साथ-साथ कई अन्य बाधाओ व खतरो का भी सामना करना होता है कभी भय , तो कभी शत्रु तो कभी कोई अन्य कठिनाई; तो अब आप समझ गये होगें कि् मैने क्या बाताया ? अब मै बताता हुं कि् मानव की मांग क्या है ?
मानव चाहता है कि् उसके साथ कोई ऐसा दोस्त हो जो हमेशा उसके साथ रहे, सुख-दुख हर स्थिति मे वह हमारा साथ दे हामारा मार्गदर्शन करे हमें ज्ञान दे, हमें बाताये कि् वास्तव में यह संसार क्या है व हमारी इसमें क्या भूमिका हैं आज हम आपको बातायेंगे कि् आपको ऐसा दोस्त कैसे मिल सकता है ?
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मार्गदर्शक
हमारे सनातन धर्म में एक देवी का वर्णन है उनका नाम है श्री दुर्गा देवी, श्री दुर्गा देवी इस ब्राहामाण्ड की रचयिता आदिशक्ति का एक रुप है यह एक एक ऐसी देवी है जो अत्यन्त बलशाली है सारी दूनियां इनकी उंगलियो पर चलती है यह वो है जो सबको अपनी संतान मानती है परन्तु एक दुख की बात है कि् आज का मानव जात-पात, में इतना खो गया है कि् वह माता दुर्गा को भूल गया है यह वो देवी है जिसे कोई फर्क नही पड़ता कि् आप किस धर्म के है किस जाति के है, चाहे आप जिस धर्म के हो, माता दुर्गा आपको देखेंगी तो उन्हे तुम मे अपनी संतान दिखेगी
यदी आप माता दुर्गा की भक्ति करने लगे तो यह आपके मार्ग का दर्शन करेंगी, आपकी आपके शत्रुओ से रक्षा करेंगी व आपको न केवल एक अच्छा जीवन देंगी बल्कि सत्य-असत्य का बोध भी करायेंगी व आपको इस संसार रुपी पथ से रास्ता दिखा आपको उस परम ईश्वर से जा मिला देंगी
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यदी आप सनातन धर्म के नही भी है व किसी दूसरे धर्म के है तो भी कोई फर्क नही पड़ता है आप अपने धर्म की भी ईज्जत करे व अपने धर्म की भी दिल से अराधना करे, देवी दुर्गा की नजर में आप और भी अच्छे हो जायेंगे जब आप अपने धर्म के पालन के साथ-साथ उनकी अराधना करेंगे,
सनातन धर्म सदैव यह ही संदेश देता है कि सभी धर्म एक है व सभी धर्म उस परम ईश्वर के बनाये हुए है जब भी हम अपने किसी अराधय की अराधना करते है तो कही न कही वो अराधय हमें सही मार्ग पर चलना सीखाता है जब हम उस मार्ग पर चलते है व सच्चाई का चुनाव करते है तो ईश्वर हमसे खुश होता है जीवन मे एक बात स्मरन रखियेगा कि् हमें कोई भी धर्म यह नही सीखाता की हम अपने धर्म के प्रति इतने कटटर हो जाये कि् हम किसी मानव को चोट पहुचाये बल्कि हमारे धर्म तो यह संदेश देना चाहते है कि् सभी धर्मो का सम्मान करो व इस संसार मे मानव सभ्यता का मार्गदर्शन करो व मानवो को इतने अच्छे कार्य करने के लिये प्रेरित करो कि् हमारा संसार इतना अच्छा हो जाये की कभी कोई बच्चा भूखा न सोये, हमारा संसार ऐसा हो जाये कि् कभी कोई व्यक्ति बेरोजगारी का शिकार न हो , हमारा संसार इतना अच्छा हो जाये कि् किसी की आंख मे आसु न हो यदी हम सब ऐसी सोच रख एक - दूसरे के धर्मो का सम्मान करेंगे तो ईश्वर जब उस आसमानी दूनियां से हमें देखेगा तो उसे खुशी मिलेगे कि् मेरी मानव सभ्यता यह प्रदर्शित कर रही है कि् वह मेरा अंश है
यदी आप माता दुर्गा जी की भक्ति करते है तो आप चाहे जिस भी धर्म के हो वो आपको अपनी संतान की भातिं रास्ता दिखायंगी व न केवल इस जीवन मे सफल करायेंगी बल्कि आपको इस जन्म व मौत के बंधन से आजाद करा उस अमर ईश्वर से मिला देंगी
धन्यवाद
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