SHRI DURGA DEVI

 

THOUGHT








 

 

 

 

 

 

 

BY AKASH SINGH RAJPOOT

 

 

INDEX



                
1                     प्रेम

 

2                   प्रेम का अर्थ

 

3                    प्रेम को समझना 

 

4                      ज्ञान 





 

 

प्रेम





प्रेम, सुन्ने मात्र से ही दिल को कितना आनन्द देता है न ? वास्तव में यह सत्य भी है जब भी हम प्रेम भाव से किसी को देखते है तो हमारे दिल मे उसके लिए सभी बेर, बुराइयां आदि मिट जाती है व  हम उससे अच्छा व्यवहार करते है वास्तव में यह ही है जो ईश्वर द्वारा मानव को दिया एक तोहफा है यह वो उपहार है जिससे मानव सभी को वो जैसे है वैसे ही स्वीकार कर लेता है व उसके लिए दिल में प्रेम भाव रख कर उसके हित के लिए कार्य करता है

                                    आज के वर्तमान युग में भी हर मानव को किसी न किसी से प्रेम हो जाता है जब मानव को प्रेम होता है तो उसे हर जगह अच्छी लगने लगती है वह सभी से अच्छा व्यवहार करने लगता है व वह जीवन में अच्छे कर्म करने का प्रयास करता है, प्रेम ईश्वर के द्धारा दिया गया उपहार है परन्तु दुख की बात है कि् कई मानव प्रेम का असली मतलब नही समझ पाते व वह प्रेम भाव की अज्ञानता में ऐसे कर्म कर देते है जिससे वह न केवल स्वयं जीवन भर पछताते है बल्कि वह अपने आस-पास के लोगो को भी दुख देते है आज हम आपको प्रेम से जुड़ी ऐसी बाते बतायेंगे जो आपको प्रेम को न केवल समझने में सहायता करेगी बल्कि् आपमें कई सकारात्मक परिवर्तण भी लायेंगी





प्रेम का अर्थ

 

 


 




प्रेम वह अवस्था है जिसमे एक मनुष्य किसी अन्य मनुष्य को इतना पसंद करने लगता है कि् वह उसके लिए अपनी जान भी देने के लिए तैयार रहता है प्रेम करने की उम्र या शर्त नही होती, प्रेम करने का कोई कारण नही होता है यह तो कभी भी किसी से भी हो जाता है परन्तु स्मरण रखने वाली बात है कि् यह होता एक ही बार है, हम सबको कभी न कभी किसी ऐसे मानव से प्यार हो जाता है जिसे फिर हम कभी नही भुला पाते है व जब-जब हमसे कोई पूछता है कि् तुम किससे प्यार करते हो ? तो हमारे मन में उसका स्मरण आता हैं व होठो पर मुस्कुराहट,

           आप स्वयं करके देखिये, आप जिस किसी से भी प्यार करते हैं उसका स्मरण करिये आपको मन में आनन्दमय भाव आयेगा व होठो पर मुस्कुराहट, यह ऐसा भाव है जो हमें जीवन में अत्यन्त आनन्द देता है तो यह था प्रेम का वर्णन परन्तु कई लोग प्रेम कर तो लेते है लेक्नि उसे समझ नही पाते है अर्थात वह प्रेम तो कर लेते है परन्तु यह नही समझ पाते कि् जिससे हम प्रेम करते है उसके साथ हम क्या करें जो उसे अच्छा लगे



प्रेम को समझना

 

 


 



सर्वप्रथम हमें यह समझ लेना चाहिये कि् प्रेम एक बार ही होता है व जीवन भर साथ रहता है जब एक इंसान को दुसरे इंसान से प्यार होता है तो जरुरी नही है कि् दोनो पक्ष आपस में प्रेम भाव रखते हो, कभी-कभी ऐसा होता है कि् प्यार एकतरफा होता है ऐसे में हमें क्या करना चाहिये ?


          यदी हम किसी से प्यार करते है परन्तु वह किसी ओर से प्यार करता है तो सर्वप्रथम हमें उससे दोस्ती करनी चाहिये जिससे हम प्रेम करते है हमें उसको समझना चाहिये, जानना चाहिये तत्पश्चात हमें यह देखना चाहिये कि् जिससे हम प्यार करते है यदी वह किसी दूसरे को प्रेम करती तो क्या वो उसके प्रेम के लायक है यदी है और आपका प्रेमी या प्रेमिका आपके साथ रहने से ज्यादा, उसके साथ रहना पसंद करती है व अगर वह अपनी जिन्दगी मे खुश है तो आप उसके जीवन में तो रहे परन्तु केवल दोस्त बनकर, ऐसा मैने इसलिए कहां क्योकि् हो सकता हो आप के साथ यदी वह रहे तो आप तो खुश रहे परन्तु वो नही


          यदी वह तीसरा पक्ष जिससे आपका प्रेमी या प्रेमीका प्यार करते है वह आपके प्रेमी के लायक नही तो आप अपने प्रेमी के जीवन में जाये व उसे एहसास दिलाये कि् वह जिससे प्रेम करती है वो उसके प्रेम के लायक नही है यदी आप ऐसा करेंगे तो आपका प्रेम आपको मिल जायेगा परन्तु एक बात है कि् हम जिससे प्रेम करते है यदी वो किसी ओर से प्रेम करे व हम उसको खुशी-खुशी उसके प्रेम करने वाले के पास जाने दे तो हम क्या करें ?



ज्ञान






प्रेम का अर्थ केवल पाना ही नही होता है प्रेम का अर्थ देना भी होता है जो व्यक्ति प्रेम मे होता है उसे पूरी दूनियां ही अच्छी लगने लगती है व तब वह इस दूनियां को अपनी काबिलियत से नयी रचनाये दे सकता हैं जैसे पुस्तके, टैक्नोलेजी व अन्य चीजे, वह यदी अपने प्रेम भाव को दिल में रख कर  अपने गुणो का उपयोग सकारात्मक मार्ग में करे तो वह इस दूनियां में सर्जन ही करेगा

                           यदी आपका प्रेम आपको नही किसी अन्य को चाहता है तो आप एक दोस्त की तरह उसके जीवन में रहे व उसे हसता हुआ देखे, आप देखे की वो हसती हुई कैसी लगती है, आप देखे की वो अपने जीवन में कितनी खुश है इस प्रकार आप अपने प्रेम को जीते हुए देखेंगे, तत्पश्चात आप अपने प्रेम को जीवित तो रखीये परन्तु अपने जीवन में आगे बढने का प्रयास करिये, हो सकता हो आप जैसे पागलो की तरह किसी से प्यार करते है व बोलने से डरते है कोई ऐसा ही हो जो आपसे प्यार करता हो व आपको पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो, आप ऐसे किसी को ढुंढे जो आपको उसी तरह प्यार करे जैसे आप अपने पहले प्यार को करते है व उसके साथ एक नये जीवन की शुरुआत करे


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